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भगवान के 108 नामों के स्मरण मात्र से पापों का नाश होता है। 108 एक पवित्र संख्या है — माला में भी 108 मोती होते हैं, यह भक्त और भगवान के बीच एक पुल का कार्य करता है। नियमित जप से मानसिक शांति, लक्ष्मी की कृपा, और जीवन में संतुलन आता है। 108 नामों की यह सूची “विष्णु अष्टोत्तर शतनामावली” के रूप में जानी जाती है और दैनिक जप-पूजन में इसका बड़ा महत्व है।
भगवान विष्णु के 108
- ॐ विष्णवे नमः | सर्वव्यापी |
- ॐ लक्ष्मीपतये नमः | लक्ष्मीजी के पति |
- ॐ अच्युताय नमः | कभी न गिरने वाले |
- ॐ अनन्ताय नमः | जिनका अंत नहीं |
- ॐ गोविन्दाय नमः | गऊओं के रक्षक |
- ॐ केशवाय नमः | सुंदर केशों वाले |
- ॐ मधुसूदनाय नमः | मधु दैत्य को मारने वाले |
- ॐ त्रिविक्रमाय नमः | तीनों लोकों में विस्तृत |
- ॐ वामनाय नमः | वामन अवतार |
- ॐ श्रीधराय नमः | श्री (लक्ष्मी) के धारक |
- ॐ हृषीकेशाय नमः | इंद्रियों के स्वामी |
- ॐ पद्मनाभाय नमः | नाभि से कमल प्रकट |
- ॐ दामोदराय नमः | माता यशोदा द्वारा बांधे गए |
- ॐ संकर्षणाय नमः | आकर्षण करने वाले |
- ॐ वासुदेवाय नमः | वसुदेव के पुत्र |
- ॐ प्रद्युम्नाय नमः | श्रीकृष्ण के पुत्र |
- ॐ अनिरुद्धाय नमः | जिसे रोका न जा सके |
- ॐ पुरुषोत्तमाय नमः | श्रेष्ठ पुरुष |
- ॐ अधोक्षजाय नमः | इंद्रियों से परे |
- ॐ नारायणाय नमः | सबका आश्रय |
- ॐ श्रीविष्णवे नमः | मंगल स्वरूप विष्णु |
- ॐ माधवाय नमः | लक्ष्मी के पति |
- ॐ उपेन्द्राय नमः | इंद्र से छोटे (वामन) |
- ॐ हरये नमः | पापों का हरण करने वाले |
- ॐ श्रीकृष्णाय नमः | कृष्ण रूप |
- ॐ श्रीरामाय नमः | राम अवतार |
- ॐ हयग्रीवाय नमः | घोड़े के मुख वाला रूप |
- ॐ नारसिंहाय नमः | नर + सिंह अवतार |
- ॐ कुरमाय नमः | कूर्म (कछुआ) अवतार |
- ॐ मत्स्याय नमः | मछली अवतार |
- ॐ वराहाय नमः | वराह (सूअर) अवतार |
- ॐ नराय नमः | नर रूप |
- ॐ नारायणाय नमः | जल में लेटे हुए |
- ॐ दत्तात्रेयाय नमः | ज्ञान के दाता |
- ॐ परशुरामाय नमः | परशु धारण करने वाले |
- ॐ बलभद्राय नमः | बलराम रूप |
- ॐ बुद्धाय नमः | बौद्ध रूप |
- ॐ कल्किने नमः | भविष्य में कल्कि रूप में प्रकट होंगे |
- ॐ यज्ञेश्वराय नमः | यज्ञों के स्वामी |
- ॐ चक्रधराय नमः | सुदर्शन चक्रधारी |
- ॐ गदाधराय नमः | गदा धारण करने वाले |
- ॐ शंखधराय नमः | शंख धारण करने वाले |
- ॐ गरुड़ध्वजाय नमः | जिनका ध्वज गरुड़ है |
- ॐ वैकुण्ठाय नमः | वैकुण्ठ लोक के अधिपति |
- ॐ दैत्यान्तकाय नमः | दैत्यों का अंत करने वाले |
- ॐ जगन्नाथाय नमः | संपूर्ण जगत के स्वामी |
- ॐ जगद्गुरवे नमः | संसार के गुरु |
- ॐ योगेश्वराय नमः | योग के स्वामी |
- ॐ त्रिनेत्राय नमः | तीन नेत्रों वाले |
- ॐ त्रिलोकनाथाय नमः | तीनों लोकों के स्वामी |
- ॐ श्रीवत्सवक्षसे नमः | वक्षस्थल पर श्रीवत्स चिह्न वाले |
- ॐ कौस्तुभधराय नमः | कौस्तुभ मणि धारण करने वाले |
- ॐ वनमालिने नमः | वन की माला पहनने वाले |
- ॐ यज्ञमूर्तये नमः | यज्ञस्वरूप |
- ॐ चतुर्भुजाय नमः | चार भुजाओं वाले |
- ॐ चतुर्व्यूहाय नमः | चार प्रकार के रूपों वाले |
- ॐ चतुर्दमष्ट्राय नमः | चार दंत वाले |
- ॐ चतुर्विक्रमाय नमः | चार प्रकार के कार्य करने वाले |
- ॐ सत्यव्रताय नमः | सत्य का व्रत लेने वाले |
- ॐ सत्यभामाय नमः | सत्य प्रिय |
- ॐ सत्यनिधये नमः | सत्य के भंडार |
- ॐ सर्वेशाय नमः | सबके स्वामी |
- ॐ सर्वलोकमहेश्वराय नमः | सभी लोकों के ईश्वर |
- ॐ सर्वात्मने नमः | सभी जीवों में निवास करने वाले |
- ॐ सर्वरूपाय नमः | सभी रूपों में स्थित |
- ॐ सहस्रशीर्षाय नमः | हजार सिरों वाले |
- ॐ सहस्राक्षाय नमः | हजार नेत्रों वाले |
- ॐ सहस्रपादाय नमः | हजार पैरों वाले |
- ॐ अव्यक्ताय नमः | जो इंद्रियों से परे हैं |
- ॐ मुकुन्दाय नमः | मोक्ष देने वाले |
- ॐ अचिन्त्याय नमः | जिनका चिंतन संभव नहीं |
- ॐ भगवते नमः | भगवान स्वरूप |
- ॐ श्रीनिधये नमः | श्री का भंडार |
- ॐ श्रियै नमः | स्वयं लक्ष्मीस्वरूप |
- ॐ लक्ष्म्यैपतये नमः | लक्ष्मी के पति |
- ॐ अमृताय नमः | अमर स्वरूप |
- ॐ अक्षराय नमः | अक्षर (अनश्वर) |
- ॐ योगिनांपतये नमः | योगियों के स्वामी |
- ॐ योगदाय नमः | योग प्रदान करने वाले |
- ॐ योगविधेयाय नमः | योग से प्राप्त होने वाले |
- ॐ प्रभवे नमः | महान पुरुष |
- ॐ श्रीमते नमः | श्रीमान |
- ॐ श्रीवत्सलालाय नमः | श्रीवत्स धारण करने वाले |
- ॐ देवक्यानन्दनाय नमः | देवकी के पुत्र |
- ॐ यशोदानन्दनाय नमः | यशोदा के पुत्र |
- ॐ नन्दकुमाराय नमः | नन्द बाबा के पुत्र |
- ॐ गोपालाय नमः | गऊओं का पालन करने वाले |
- ॐ गोविन्दाय नमः | गऊओं के स्वामी |
- ॐ गोपीनाथाय नमः | गोपियों के स्वामी |
- ॐ वृन्दावनचराय नमः | वृंदावन में विचरण करने वाले |
- ॐ यदुकुलनन्दनाय नमः | यदुवंश का गौरव |
- ॐ कंसान्तकाय नमः | कंस का वध करने वाले |
- ॐ चाणूरमल्लसंघारिणे नमः | चाणूर मल्ल को मारने वाले |
- ॐ मल्लविद्याविशारदाय नमः | युद्धकला में पारंगत |
- ॐ नवनीतचौर्यनन्दनाय नमः | माखन चुराकर आनंद देने वाले |
- ॐ नवनीतनटनाय नमः | नवनीत (माखन) खाने वाले |
- ॐ पिताम्बरधराय नमः | पीत वस्त्र धारण करने वाले |
- ॐ यज्ञरूपाय नमः | यज्ञ स्वरूप |
- ॐ यज्ञभुक्ताय नमः | यज्ञ का फल देने वाले |
- ॐ यज्ञप्रियमुखाय नमः | यज्ञ को प्रिय मानने वाले |
- ॐ वेदवेद्याय नमः | वेदों से जानने योग्य |
- ॐ वेदात्मने नमः | वेद स्वरूप |
- ॐ वेदविहीताय नमः | वेदों द्वारा निर्धारित |
- ॐ दयानिधये नमः | करुणा के भंडार |
- ॐ भूतभावनाय नमः | समस्त जीवों के पालक |
- ॐ भक्तवत्सलाय नमः | भक्तों पर स्नेह रखने वाले |
- ॐ भक्तप्रियमुखाय नमः | भक्तों को प्रिय |
- ॐ भक्तरक्षकाय नमः | भक्तों की रक्षा करने वाले |
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