
सभी देवी देवताओं के 108 मंत्र जाप
सभी देवी देवताओं के 108
सहस्त्र नाम जाप
सहस्त्र नाम जाप
श्रावण मास महात्म्य – कथाएं
श्रावण मास महात्म्य – कथाएं

श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रं
श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो महाभारत के अनुशासन पर्व में भी उल्लेखित है। इसे भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का संकलन माना जाता है। इसका पाठ भक्ति, ध्यान और भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाता है।

श्री शिव रूद्राष्टकं
श्री शिव रूद्राष्टकं- श्री शिव स्तुति में भगवान शिव की महिमा, गुण, और कृपावान स्वरूप की प्रशंसा की जाती है। यह स्तुति शिव पुराण और भजनों में प्रयोग की जाती है और भगवान शिव के भक्तों द्वारा गाई जाती है। यहाँ एक प्रसिद्ध श्री शिव स्तुति का पाठ दिया जा रहा है।

द्वादशजयोतिर्लिंग स्मरणं
परम कल्याणकारी भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों की उपासना करने से समस्त पापों का नाश होता है और भक्त को शिव कृपा प्राप्त होती है। यह श्लोक १२ ज्योतिर्लिंगों का स्मरण कराता है। इसका नित्य पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है ।
शिव भक्ति
श्रावण मास में शिव की महिमा
शिव ही सत्य है, शिव ही कर्ता है और शिव ही इस सम्पूर्ण जगत के स्वामी एवं पालनकर्ता है । भगवान शिव ही है जिन्होंने हलाहल विष पिया और अमृत देवताओ को दिया जिसे पाकर सभी देवता अमरत्व को प्राप्त हुए ।भगवान शिव को “महादेव”, “त्रिनेत्रधारी”, “कालों के भी काल” कहा जाता है।
इसी प्रकार कलयुग में शिव की पूजन एवं भक्ति का विशेष महत्त्व है। शिव ही है जो कलयुग के प्राणियों को भवसागर से पार कर सकते है ।
आराधना
नित्य भक्ति एवं आराधना

श्री देवी दुर्गा कवच
यह एक रक्षा कवच है, जो माँ दुर्गा से सम्पूर्ण शरीर की सुरक्षा, शक्ति और साहस की प्रार्थना करता है। जो व्यक्ति इस कवच का नित्य पाठ करता है, उसे भूत-प्रेत, रोग, शत्रु भय से डर नहीं लगता। यह पाठ साधक को मन, शरीर और आत्मा से शक्तिशाली बनाता है।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
सिद्ध-कुञ्जिका स्तोत्रम् एक अत्यंत शक्तिशाली और गोपनीय देवी स्तुति है, जो दुर्गा सप्तशती (चंडी पाठ) का मंत्र-सार मानी जाती है। यह स्तोत्र स्वयं शिवजी ने पार्वती माता को बताया था। केवल सप्तशती पढ़ने से उतना फल नहीं मिलता, जब तक कुञ्जिका स्तोत्र का पाठ न किया जाए।

श्री अर्गला स्तोत्रम्
“अर्गला” का अर्थ है अवरोध हटाने वाली कुंजी या बाधा को दूर करने वाली शक्ति।
यह स्तोत्र साधक की आध्यात्मिक और सांसारिक बाधाओं को दूर करने वाला एक दिव्य उपाय है।इस स्तोत्र के पाठ से मनोकामनाओं की सिद्धि होती है।

श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रं
श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो महाभारत के अनुशासन पर्व में भी उल्लेखित है। इसे भगवान विष्णु के एक हजार पवित्र नामों का संकलन माना जाता है। इसका पाठ भक्ति, ध्यान और भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाता है।

श्री शिव रूद्राष्टकं
श्री शिव रूद्राष्टकं- श्री शिव स्तुति में भगवान शिव की महिमा, गुण, और कृपावान स्वरूप की प्रशंसा की जाती है। यह स्तुति शिव पुराण और भजनों में प्रयोग की जाती है और भगवान शिव के भक्तों द्वारा गाई जाती है। यहाँ एक प्रसिद्ध श्री शिव स्तुति का पाठ दिया जा रहा है।

द्वादशजयोतिर्लिंग स्मरणं
परम कल्याणकारी भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों की उपासना करने से समस्त पापों का नाश होता है और भक्त को शिव कृपा प्राप्त होती है। यह श्लोक १२ ज्योतिर्लिंगों का स्मरण कराता है। इसका नित्य पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है ।
सहस्त्र(1000)नाम जाप

श्री गणेश सहस्त्र नाम
गणेश जी को “विघ्नहर्ता” कहा जाता है। सहस्त्र नाम का जप करने से जीवन के सभी विघ्न, बाधाएं और संकट दूर होते हैं।

श्री विष्णु सहस्त्र नाम
इस स्तोत्र का नियमित जप मन को एकाग्र करता है और चिंता, भय, तनाव से मुक्ति दिलाता है। यह स्तोत्र हिंदू धर्म के वैदिक और पुराणिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

श्री शिव सहस्त्र नाम
भगवान शिव को “महादेव”, “त्रिनेत्रधारी”, “कालों के भी काल” कहा जाता है। शिव सहस्त्रनाम – अर्थात शिव के 1000 नाम – भगवान शिव के विविध स्वरूपों, शक्तियों, गुणों और उनकी व्यापकता का गूढ़ और पवित्र परिचय है।

श्री सरस्वती सहस्त्र नाम
माँ सरस्वती ज्ञान, वाणी, संगीत, कला और बुद्धि की देवी हैं। उन्हें “श्वेतवस्त्रधारी”, “वीणावादिनी”, “वाग्देवी”, “ब्रह्मचारिणी”, और “ज्ञानस्वरूपिणी” जैसे अनेक दिव्य नामों से जाना जाता है। सरस्वती सहस्रनाम एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है,

श्री कृष्ण सहस्त्र नाम
भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें “योगेश्वर”, “परमात्मा”, “लीलाधर”, “गोपीनाथ”, “परिपूर्ण अवतार” और “सर्वधर्मसंभाव” स्वरूप माना जाता है, उनके सहस्त्र नाम – अर्थात् 1000 नामों – का जप अत्यंत शुभ, कल्याणकारी और मोक्षदायक है।

श्री गायत्री सहस्त्र नाम
गायत्री सहस्रनाम अर्थात् माँ गायत्री के 1000 पवित्र नामों का स्तोत्र, एक महान आध्यात्मिक साधना है, जो साधक को विद्या, तप, शक्ति, भक्ति और मोक्ष प्रदान करता है।

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
अपना काम ईमानदारी से करना ही सबसे बड़ा धर्म है। फल की चिंता से मुक्त होकर कर्म करना ही “कर्मयोग” है।